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शनिवार, 4 सितंबर 2010

मेरा पलामू

पलामू नाम ही कुछ अजीब है .तरह तरह के अपराध ,नक्सलवाद भ्रष्ट राजनेता एवं अधिकारी वर्तमान में तो यही इसकी पहचान बन गयी है  अंग्रेजों ने उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दशक में इसकी स्थापना की थी .जिला बनने से पहले यह रांची जिले का एक अनुमंडल था परन्तु वर्तमान स्वरुप में नहीं .चेरो तथा खरवार से तंग आये अंग्रेजों ने इसके रूप कों परिवार्तित करने के लिए इसमें तत्कालीन गया जिले के दो भाग बेलोंजिया परगना (वर्तमान भवनाथपुर एवं  नगर अनुमंडल ) तथा हुसेनाबाद परगना को जोड़ दिया  ताकि आबादी की संरचना बदल जाये .